हनीप्रीत की पुलिस से गुहार- पापा की कमर में दर्द होगा, मुझे उनके पास ले चलो
हनीप्रीत की गुहार- “पापा की कमर में दर्द होगा, मुझे उनके पास ले चलो”
लम्बे समय तक छुपे रहने के बाद हनीप्रीत आखिरकर पुलिस के गिरफ्त में तो आ चुकी है लेकिन पुलिस हनीप्रीत से न तो कुछ उगलवा नहीं पा रही है, न ही कोई सख्ती कर पा रही है। हनीप्रीत ने कोर्ट में कहा है कि पुलिस टॉर्चर कर रही है। उसने पुलिस से कहा है कि वो अपने पापा के पास जाना चाहती है, क्योंकि उनकी कमर में दर्द होगा। जब राम रहीम को रेप केस में दोषी करार दिया गया तो हरियाणा में जमकर हिंसा भड़की। हनीप्रीत पर इस हिंसा की साजिश में शामिल होने का आरोप है
हनीप्रीत ने अपने वकील को कहा कि पुलिस उसे टॉर्चर कर रही है। उसने कोर्ट में पेशी के दौरान भी यही बात दोहराई थी। इसके चलते पुलिस अफसरों को सफाई देनी पड़ी थी। लेकिन अब एहतियात बरतते हुए पुलिस हनीप्रीत से सख्ती नहीं कर रही है। फरारी के दौरान पंजाब में हनीप्रीत ने कई बार वकीलों से मुलाकात की थी। अब पकड़े जाने के बाद वह रटे रटाए जवाब दे रही है। पुलिस का मानना है कि जब उसके पकड़े जाने की आशंका थी, तभी वकीलों ने पहले से ही उसे सिखा-पढ़ा दिया।
इस बीच पंचकूला पुलिस की टीम शनिवार को हनीप्रीत को लेकर हरियाणा के कुछ जिलों में गई। तीन जगहों पर पुलिस ने चेकिंग की, लेकिन खाली हाथ ही लौटना पड़ा। रोहतक और फतेहाबाद के पास उन जगहों को खंगाला गया, जहां वो सिरसा के बाद रुकी थी।
एक अधिकारी ने नाम छापने की शर्त पर बताया कि हनीप्रीत ने तीन दिनों के दौरान कई बार डॉक्टर्स और महिला पुलिस अधिकारियों से कहा कि उसे डेरा प्रमुख के पास भेज दो। उसने कहा, “पापाजी की कमर में दर्द रहता है। वह इस दर्द से परेशान होंगे, इसलिए मेरा वहां होना जरूरी है। एक डॉक्टर ने हनीप्रीत से पूछा भी कि क्या तुम डॉक्टर हो या फिर कोई डिग्री ली हुई है जो बाबा के दर्द होने पर वहां जाने की बात कह रही हो।” वहीं, पुलिस को हनीप्रीत के एक मोबाइल का सुराग मिल गया है। यह मोबाइल अब किसी और के पास रखवाया गया है। पुलिस को उस शख्स की जानकारी है। उससे कॉन्टैक्ट किया जा रहा है। राम रहीम को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट द्वारा सुनाई गई बीस साल की सजा को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दे दी गई है।
इसके साथ ही दोनों विक्टिम साध्वियों की तरफ से भी सजा को बढ़ाकर उम्र कैद में तब्दील किए जाने की मांग की गई है। दोनों पिटिशन पर एक साथ ही सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस सुधीर मित्तल की बेंच सुनवाई करेगी। पिटिशन में कहा गया कि सीबीआई की कोर्ट ने सभी फैक्ट्स को कंसीडर नहीं किया। महज अफवाहों के आधार पर ही सजा सुना दी गई।
अपील में कहा गया है कि बाबा का मेडिकल तक नहीं कराया गया। यह जानना भी जरूरी नहीं समझा गया कि बाबा रेप कर भी सकते हैं या नहीं।
यही नहीं दो अलग अलग डेरों में अलग अलग समय पर हुए रेप के मामलों को एक साथ कर सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया। इसमें भी विक्टिम एक साल तक कुछ नहीं बोलीं। अपने घर वालों को भी कुछ नहीं बताया। अगर बताया तो फिर वे एक साल तक चुप क्यों रहे। ऐसे में आरोप साबित करने में खामियों के बावजूद जज ने पूर्वाग्रह के आधार पर ही सजा सुना दी। राम रहीम ने अपने सबसे करीबी को ही नपुंसक बना दिया था। यह करीबी पंचकूला में दंगे भड़काने के आरोप में पंचकूला पुलिस की रिमांड पर है। उसने जिस कबूलनामे पर दस्तखत किए हैं, उसमें लिखा है- “बाबा ने 2000 में मुझे नपुंसक बनाया था। इस बारे में किसी को भी न बताने की सख्त हिदायत दी थी। हालांकि मेरे परिवार में पता चल गया और विरोध भी हुआ, लेकिन डेरा चीफ के कारण कोई बोल ही नहीं पाया। कई लोग हैं, जिन्हें नपुंसक बनाया गया था। सभी से एफिडेविट में लिखवाया कि हम ये अपनी मर्जी से कर रहे हैं।”
हनीप्रीत के पिता रामानंद तनेजा और मां आशा तनेजा फतेहाबाद के रहने वाले हैं। हनीप्रीत का असली नाम प्रियंका तनेजा है। हनीप्रीत के पिता राम रहीम के अनुयायी थे। वे अपनी सारी प्रॉपर्टी बेचने के बाद डेरा सच्चा सौदा में अपनी दुकान चलाने लगे। 14 फरवरी 1999 को हनीप्रीत और विश्वास गुप्ता की सत्संग में शादी हुई। इसके बाद बाबा ने हनीप्रीत को अपनी तीसरी बेटी घोषित कर दिया। हनीप्रीत राम रहीम के प्रोडक्शन में बनी फिल्मों में एक्टिंग और डायरेक्शन भी कर चुकी है। हनीप्रीत साए की तरह बाबा के साथ रहती थी। हनीप्रीत के पूर्व पति का आरोप है कि हनीप्रीत और राम रहीम के बीच नाजायज रिश्ते थे। उसने दोनों को एक बार आपत्तिजनक हालत में देखा था। ।
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